संदेश
आप सभी को नमस्कार!
प्रौद्योगिकी, पहले से अब अधिक तेज़ी से हमारे दैनिक जीवन की हर गतिविधियों को नए रूप में परिभाषित कर रही है। ये परिवर्तन अत्यंत तीव्र गति से हो रहे हैं और इन्हें विघटनकारी प्रौद्योगिकियाँ (Disruptive Technologies) कहा जाता है जोकि समुचित है। शिक्षा का क्षेत्र भी इसका अपवाद नहीं है। आज के परिवेश में डिजिटल जगत व्याख्यानों, स्पष्टीकरणों, संसाधनों के रूप में कार्य करने वाले कृत्रिम बुद्धिमता उपकरणों से भरी पड़ी है जो परामर्शदाताओं की तरह काम करते हैं। । एक विद्यार्थी निबंध लिखकर ‘चैट जीपीटी’ से उस पर निष्पक्ष प्रतिक्रिया प्राप्त कर सकता है। करियर से लेकर मानसिक स्वास्थ्य तक, विद्यार्थी अपने मोबाइल के माध्यम से अपनी समस्याओं के समाधान खोज सकते हैं।
प्रौद्योगिकी का ज्ञान रखने वाला शिक्षक या विद्यार्थी, उससे अनभिज्ञ की तुलना में अधिक सक्षम होता है। किसी व्याख्यान को सुनने के लिए अब विद्यार्थी को विद्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है। परंतु ऐसे सहयोगात्मक परियोजना, जो टीम भावना, संचार कौशल तथा आलोचनात्मक चिंतन कौशल सिखाते हैं, घर पर संभव नहीं हैं। इसके अतिरिक्त, विद्यालय विद्यार्थियों को सामाजिकता, मूल्यबोध और भावनात्मक संतुलन प्राप्त करने का भी प्रशिक्षण देते हैं।
यद्यपि डिजिटल शिक्षण के अनेक लाभ हैं, फिर भी एक बड़ी समस्या एकाग्रता की है। विद्यार्थी अनेक वीडियो देखते हैं, परंतु गहन अध्ययन के धरोहर तक पहुँच नहीं पाते। इसलिए हमें वर्तमान स्थिति को समझते हुए विद्यालय और घर — दोनों स्थानों पर एकाग्रता के साथ अध्ययन करना आवश्यक है। विद्यार्थियों को व्याख्यान सुनते समय नोट्स अवश्य बनानी चाहिए। केवल तेज़ गति से वीडियो देखने के बजाय सभी विषयों का गहन अभ्यास करना चाहिए। शिक्षकों द्वारा संचालित कक्षाओं का पूरा लाभ उठाते हुए पाठ्यपुस्तकों का गहन अध्ययन कर अपनी अवधारणाओं को मजबूत बनाना चाहिए । इसे और सुदृढ़ करने के लिए सक्षमता आधारित प्रश्नों (CB) का ऑनलाइन अभ्यास भी किया जा सकता है।
विद्यार्थियों की क्षमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केन्द्रीय विद्यालय संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय चेन्नै ने ‘आरोहण (AAROHAN)’ नामक एक पोर्टल तैयार किया है। इसमें कक्षा 3 से 12 तक के विद्यार्थी शामिल हैं। यह विद्यार्थियों को सक्षमता आधारित मूल्यांकन (Competency Based Assessment) में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु अभ्यास के अवसर प्रदान करने का एक उत्तम माध्यम है।
मौजूदा अनेक विकल्पों के बीच, एक और नया ऐप – ‘आरोहण’ – को हमने प्रारंभ किया ,फिर भी विद्यार्थियों से अत्यंत उत्साहजनक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है । मैं आप सभी से अपील करता हूँ कि इस मंच का सदुपयोग करते हुए अपनी आलोचनात्मक तथा सृजनात्मक सोचने की क्षमताओं को और अधिक निखारें |
उपलब्ध समय का सदुपयोग करते हुए ज्ञान और कौशल अर्जित करें। अपने सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए आपको बेहतर तैयारी करने की आवश्यकता है। जैसे कहा गया है — “हजार मील की यात्रा भी एक कदम से शुरू होती है।”
आइए, अभी से अपनी सीखने की यात्रा आरंभ करें और अगले आधे घंटे तक सीखने में लगें !
शुभकामनाओं सहित,
डॉ. आर सेंथिल कुमार,
उपायुक्त